थर्मल पावर प्लांट से बिजली कैसे बनती है। Thermal power plant |how it work in hindi
थर्मल पावर प्लांट से बिजली कैसे बनती है।
जिसमें प्राइम मूवर वाष्प से चलता है जो कोयला, गैस आदि को जलाकर , पानी को गर्म करके प्राप्त की जाती है। इस plant में power का कन्वर्शन ,रैनकॉइन साइकिल के आधार पर काम करता है। थर्मल पावर स्टेशन में पानी को गर्म करने के लिए ईंधन का प्रयोग किया जाता है ईंधन में कई प्रकार के ईंधन प्रयोग में लाया जाता है ,जिसमे पहले स्थान पर कोयले की ईंधन प्रयोग में लायी जाती है , इसके अलावा कोक का प्रयोग में अता है जिससे उच्च दाब पर वाष्प बनती है। इससे बिजली पैदा करने के लिए टरबाइनें चलती है। पावर स्टेशनों के बिच में जेनेरेटर होता है जो एक ऐसी घूमने वाली मशीन है जो,मैगनेटिक फील्ड तथा कंडक्टर के बीच रिलेटिव स्पीडक्रिएट करके मकेनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदल कर प्रयोग में लिया जाता है। जेनेरटर को घुमाने के लिए एनर्जी सोर्स कई के प्रयोग में हैं ,यह मुख्यतया आसानी से उपलब्ध होने वाले ईंधन तथा टेक्नोलॉजी के प्रकार पर निर्भर करता है। जब बिजली के उत्पादन के लिए कोयले का प्रयोग किया जाता है तो आम तौर पर पहले इसका चूरा( Sawdust) बनाया जाता है और तब बॉयलर( Boiler) युक्त फर्नेस में जलाया जाता है। फर्नेस( Furnaces) की ऊष्मा बॉयलर के पानी को भाप( Steam) में बदल देती है और तब इसका प्रयोग टरबाइन चलाने के लिए किया जाता है। ये टरबाइने जेनेरेटरों को घूमाती है और बिजली पैदा करती है।
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