गायकी के सरताज कैलाश खेर के बारे मे ये खास बातें
बॉलीवुड में सूफी गानों से पहचान बनाने वाले कैलाश खेर का जन्म 7 जुलाई 1973 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था। कैलाश खेर के पिता कश्मीरी पंडित थे और लोक गीतों में उनकी काफी रुचि थी। जिसकी वजह से बचपन से ही कैलाश खेर को भी संगीत का शौक चढ़ गया था।
कैलाश ने 4 साल की उम्र से ही गाना शुरु कर दिया था।
उनका ये टैलेंट देखकर न ही सिर्फ उनके परिवार वाले बल्कि दोस्त-रिश्तेदार ने भी उनकी तारीफ की थी, लेकिन फैमिली म्यूजिक में करियर बनाने के खिलाफ थी।
फैमिली के विरोध में जाकर कैलाश ने लगभग 15 साल के पहले ही संगीत के लिए अपना घर छोड़ दिया था।
कैलाश जगह-जगह जाकर लोक संगीत के बारे में पढ़ने-जानने लगे थे।पैसों के लिए कैलाश बच्चों को म्यूजिक की ट्यूशन भी देने लगे थे।
हर बच्चे से वो 150 तक रुपये लेते थे और इस पैसे से अपने खाने, पढ़ाई और म्यूजिक का खर्च निकालते थे।
कैलाश खेर को साल 2017 में 'पद्मश्री' पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
फिल्मफेयर बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड भी कैलाश खेर अपने नाम किया।
2001 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद कैलाश खेर मुंबई आ गए।
खाली जेब और घिसी हुई चप्पल पहने संघर्ष कर रहे कैलाश में संगीत के लिए कमाल का जूनून था।
तभी एक दिन उनकी मुलाकात संगीतकार राम संपत से हुई , उन्होंने कैलाश को कुछ रेडियो जिंगल गाने का मौका दिया और फिर क्या सफलता चुमते चले गये ।
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