दीपावली में मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा क्यों कि जाती है? जानिए दीवाली पर विशेष।

दीपावली में मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा क्यों कि जाती है? जानिए दीवाली पर विशेष।

नमस्कार दोस्तो दीवाली में gindiahindi.com पर आपका स्वागत है। सबसे पहले आपको दीवाली की हार्दिक शुभकामनाए। दीपावली आपको अंधकार से प्रकाश की ओर और अज्ञान से ज्ञान की ओर बढ़ाए।

 दिपावली को लेकर ये भी श्लोक प्रचलित है - तमसो मा ज्योतिर्गमय इसका मतलब अंधकार से प्रकाश की ओर जाना होता है। तो चलिए जानते हैंं दीपावली के बारे में।

दीपावली के बारे में अगर जानना चाहते हैं समझना चाहते हैं तो दीपावली के नाम से ही इसका अर्थ निकल कर आता है जैसे दीपा +आवाली मतलब दीपों का कतार होता है।

दीपावली का मतलब ग्रंथों के अनुसार कई कहानियां बनी हुई है। हिन्दू धर्म के अनुसार जब भगवान श्री राम अयोध्या से लौट रहे थे तब अयोध्या वासी खुशी में दीपोत्सव मनाए थे , तब से ही यह दीपावली प्रचलित हुआ, जो आज के समय में भी मनाया जा रहा है। पिछले हजारों साल में इसी दीवाली को राजा महा राजा अपने अपने तरीके से दिवाली मनाते आरहे हैं। कोई धूम धाम से मनाया तो कोई इसमें बदलाव किया तो कुछ रोक भी लगाए पर ये आज पहले की तुलना में कहीं अधिक उत्साहित होकर सेलिब्रेट करते हैं। 

जैन धर्म के लोग इस दीवाली को महावीर के मोक्ष दिवस मानते के रूप में मनाते हैं। दीपावली को हिन्दू धर्म के अलावा बौद्ध ,सीख , ईसाई धर्म के लोग भी मनाते हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार

पौराणिक कथाओं के अनुसार दिवाली के दिन ही माता लक्ष्मी दूध सागर में प्रकट हुईं थीं साथ ही इसी दिन आरोग्य देव धन्वंतरि भी समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे। धन के देवता भगवान कुबेर भी आज के ही दिन प्रकट हुए थे। 

स्कन्द पुराण के अनुसार दिवाली

स्कन्द पुराण के अनुसार दीपक सूर्य का अंश है यानी सूर्यांश है और दीपक का जन्म यज्ञ से हुआ है। यज्ञ मनुष्य और ईश्वर के बीच संबंध जोड़ता है। 

इस दिन दीपदान भी काफी महत्व रखता है जो अध्यात्म से जुड़ाव कराता है जिससे आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है। साथ ही जो लोग अध्यात्म को महत्व देते हैं उनके लिए दीपक काफी मायने रखता है इससे अध्यात्म शक्ति को और बढ़ा सकते हैं जिससे जीवन में अनंत सुख और शांति को प्राप्त करते हैं।दीपक एक ब्रह्म का स्वरूप होता है। 

दीपावली के दिन लक्ष्मी गणेश की पूजा क्यों करते हैं?

आज के समय का दीवाली पहले के समय से काफी अलग हो गया है। दीपावली के बारे में मैं ऊपर ही बता चुका हूं कि दीवाली क्यों मनाया जाता है और खास कर हिन्दू में क्यों कि राम अयोध्या आए थे, तो इसी बात पर दीवाली मनाया जाता था और ये बात त्रेता युग की नहीं बल्कि मै इसी समय का बता रहा हूं आज से 50 साल पहले लोग दीवाली के दिन भगवान राम लक्ष्मण सीता को घर में पूजन करते थे और माता लक्ष्मी गणेश का बिजनेस वाले लोग अपने अपने ऑफिस में करते थे बस यही चलन था पर आज समय बदल गया लोग बदल गए। आज लक्ष्मी जी का हर जगह ज्यादा महत्व मिलने लगा। क्योंकि लोग यही समझते हैं कि धन के बिना सुख नहीं। पर कुछ हद तक ये बात सच भी है कि आज के समय में जिसके पास ज्यादा धन सम्पत्ति है वे लोग सुखी तो होते ही हैं साथ ही दूसरे लोग आदर भी करते हैं। यानी मिला जुला कर पैसे कमाओ खूब।

तो आइए आते हैं topic पर कि श्री लक्ष्मी गणेश की पूजा क्यों कि जाती है तो पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक माह में लक्ष्मी गणेश की पूजा होती है जिसमे श्री हरि अनुपस्थित रहते हैं क्यों कि वे इस समय चार माह के लिए योगनिद्रा में लीन रहते हैं और इस समय समुद्र मंथन में माता लक्ष्मी प्रकट हुए थे जिन्हे तमाम देवता गण दीवाली मनाकर पूजन किए थे साथ में गणेश जी भी थे जो सभी देवताओं की ओर से प्रतिनिधित्व कर रहे थे। जिन्हे पहले पूजन किया जाता है। 

भगवान विष्णु कार्तिक पूर्णिमा को योगनिद्रा से जब जागते हैं तो उस दिन माता लक्ष्मी सहित विष्णु जी का पूजन होता है। इस दिन भी दीवाली मनाया जाता है जिसे देव दीपावाली कहते हैं।

अंत में मैं पाठको से निवेदन करुगा की दीपावली सभ्य तरीके से सेलिब्रेट कीजिए और अपने अंदर के प्रकाश को जगाइए, सत्य को जानिए। यही सचा सुख प्राप्त कराता है।

धन्यवाद।

SHARE

Gautam kr. Suraj

Hi. I’m CEO/Founder of G India Hindi blog. I like to write bloging,i am Web Developer, Business Enthusiast, Speaker, Writer. Inspired to make things looks better, and i like to provide you knowledge.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment

If you have any doubts. Let me know.