क्या खास बात है नए संसद भवन और पुराने में,भारत का नया संसद भवन ३ साल में बनकर तैयार।खर्च कई गुना।(new parliament of India).

New parliament: क्या खास बात है नए संसद भवन और पुराने में,भारत का नया संसद भवन ३ साल में बनकर तैयार। खर्च कई गुना(new parliament of India).

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। पूरा देश इस ऐतिहासिक पल का इंतजार कर रहा है। नए संसद का निर्माण एक नए युग के जैसा होगा, क्युकी पहले के संसद भवन पुरानी यादों को जोड़े हुए है। अब जो नए भवन का निर्माण किया गया है वह नए युग का इंतजार है। ऐसे में लोगों में स्वाभाविक रूप से इस बात को लेकर दिलचस्पी देखने को मिल रही है कि नए संसद भवन की खास बातें क्या हैं और यह पुराने संसद से कितना अलग होगा और क्या उसमे नए फीचर्स होंगे जो पहले वाले में नहीं था।

वर्तमान के बनाए गए संसद भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था। यह भवन लगभग एक सदी पुराना संसद है, जो सरकार की मौजूदा जरूरतों के हिसाब से नाकाफी साबित होता जा रहा था। इसी को देखते हुए नए भवन का रूप रेखा तैयार किया गया ,जो की पहले के भवन से काफी अलग बनाता है। इन्ही सब चीज को ध्यान में रखकर लोकसभा एवं राज्यसभा ने संसद की नई इमारत के निर्माण के प्रस्तावों को पारित किया था।

पुराने संसद भवन में लोकसभा के 543 सदस्य और राज्यसभा के 250 सदस्य बैठ सकते थे। बताए गए रिपोर्ट्स के अनुसार पुराने संसद भवन को तैयार करने में कुल 83 लाख रुपये की खर्च आई थी।

जानते हैं नए संसद भवन से जुड़ी खास बातें।

नए बनाए गए संसद भवन में लोकसभा के 888 सदस्यों और राज्यसभा के 384 सदस्यों के बैठने की क्षमता बनाई गई है। नया संसद भवन का क्षेत्रफल 64,500 वर्ग मीटर है।

नया लोकसभा चैम्बर का बनावट मोर के आकार जैसा होगा। वहीं, नए राज्यसभा का आकार दिखने में कमल के फूल के जैसा होगा। जो देखने बहुत आकर्षक होगा।

नए संसद को बनाने में 1200 करोड़ रुपये का खर्च हुआ है। जो की पिछले खर्च से कई गुना ज्यादा है। हालंकि आज की तुलना में इतना खर्च होना पॉसिबल है महंगाई के अनुसार।

वहीं, नए तरीके से बनाए गए भवन में सांसदों के 800 चेम्बर को बनाया जा रहा है। इसका निर्माण अप्रैल 2022 में शुरू किया गया था और इसके मार्च 2024 तक पूरा होने की possibility बताई जा रही है।

पुरानी बिल्डिंग्स को भी इस्तेमाल में लाया जाएगा। सरकार की सोच इस प्रकार की है कि दोनों बिल्डिंग एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम आए। सरकार के प्लान के मुताबिक पुरानी इमारत की ऐतिहासिक विरासत को बनाए रखने के लिए इसे पूरी तरह सुरक्षित रखा जाएगा, इसकी पूरी देखभाल की जाएगी।

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Gautam kr. Suraj

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