भारत रूस की दोस्ती की शुरुआत कैसे हुई ,जो ऐतिहासिक दोस्ती कहा जाने लगा।
भारत रूस की दोस्ती की शुरुआत उस समय की बात है जब पूरी दुनिया दो गुटों में बटी जा थी। जो अमेरिका और सोवियत संघ दो भागों में अलग होते जा रहे थे। यह वो वक्त था जब ये दोनों गुट के शीत युद्ध की स्थिति बनती जा रही थी। इस सिचुएशन में भारत किसी भी गुट में शामिल होता नहीं दिखाई दे रहा था। इसी समय की बात है की रसिया के राष्ट्रपति भारत आये और दोनों देशो के बिच बात चित हुई जिसमे रूस के सहयोग से भारत में कई परियोजनाएं की शुरुआत हुई थी। उस टाइम रूस अमेरिका के खिलाफ चल रहा था। उसी समय से भारत गुटनिरपेक्ष देश के तौर पर दुनिया के सामने आया,फिर क्या था धीरे धीरे अधिकतर देश भारत के समर्थन में आये। इधर चीन नियत भारत के लिए ख़राब हो रही थी।उधर पाकिस्तान को अमेरिका का सपोर्ट बढ़ाता जा रहा था। अमेरिका, पाकिस्तान की सैन्य शक्ति बढ़ाने में लगा हुआ था। यह बातें रूस को भी पसंद नहीं आ रही थी। सन 1965 में भारत -पाकिस्तान की युद्ध की स्थिति में रसिया मध्यस्ता करने की कोशिश में था। सन 1971 में भारत के विदेश मंत्री रूस में जाकर भारत का पक्ष रखा तब रसिया पूरी तरह से भारत के समर्थन में आ गया।
ये दोस्ती भारत कभी नहीं भूल सकता। फिर भारत के सामने पाकिस्तान धरासायी होते चला गया। तब से आज तक भारत का समर्थन बिना किसी के परवाह किये करता है।
बड़ी साजिश को किया था नाकाम
सन 1962 में भारत के खिलाफ पश्चिमी देशों के द्वारा बड़ी साजिश की जा रही थी, जिसमे मेन कारण कश्मीर था ,जिसे पाकिस्तान में जोड़ने की साजिश चल रही थी। तब भी रसिया का समर्थन भारत के लिए भुला नहीं जा सकता, जिसके कारण ये पश्चिमी देशों की साजिशें नाकाम हुई। तो इसमें रूस की अहम् भूमिका कहा जा सकता है उस समय भारत अकेला पड़ता नजर आ रहा था ,पश्चिमी देशों के सामने ऐसे में रूस का साथ में आ जाना बहुत बड़ी बात साबित हुई थी कुछ दिनों बाद ही सन 1971 में भारत और रूस के बिच कई सम्झौतायें हुई जिसमे आर्थिक ,सामाजिक ,सांस्कृतिक विकास को प्राथमिकता दी गयी थी। तब से भारत आज तक अपनी सैन्य शक्ति का विस्तार करता रहा। आज पूरी दुनिया में भारत सैन्य शक्ति में टॉप 5 में गिना जाने लगा है। यही समय था जब भारत और रूस एक मजबूत दोस्त के रूप में जाना जाने लगे थे।
भारत के विकास में दिया बड़ी योगदान
भारत के विकास में रूस की बड़ी भूमिका रही वो चाहे औद्योगिक हो चाहे टेक्नोलॉजी के दुनिया हो हर जगह रूस की अहम् भूमिका रही।रूस भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी काफी मदद किया। भारत का पहले सैटेलाइट आर्य भट्ट था जो की 1975 में लांच किया गया था उसमे रूस का अहम् योगदान था।
आज भी कायम है रूस की दोस्ती।
भारत रूस की दोस्ती के आज 70 साल से ज्यादा हो चुकें है इतने दिनों में रूस के साथ भी कई घटनाये घटी ,रूस के कई भाग अलग हुए फिर भी रूस ना भारत का साथ छोड़ा ना ही भारत रूस का साथ छोड़ा।इतने दिनों में रूस के सरकारें आयी गयी ,भारत के भी कई सरकारें बदली पर दोनों देशो के रिश्ते पर कोई खटास नहीं आयी, बल्कि दोनों देश और मजबूती से दुनिया के सामने उभर कर आये। आज ये दोस्ती मिशाल है जो हमेशा एक दूसरे का मदद किया। यही कारण है की आज दुनिया का कोई भी देश भारत का विरोध करने में सोचता है। आज रूस के साथ बिजनेस की बात करें तो ३० बिलियन डॉलर की हो गयी है जिसे 2025 तक का टारगेट पूरा करना है।
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